सर्वप्रथम मैं बताना चाहता हूँ कि कोई पारम्परिक लेखक नही हूँ।
लेकिन हाँ मेरे अंदर कुछ लिखने की चाह हमेशा से मेरेअंतर्मन में घर चुकी है।
जिसके फलस्वरूप अब मैं कुछ न कुछ लिखने को स्वप्रेरित
हो चुका हूँ।
शायद मैं कुछ लेख,कुछ कविताएँ, कुछ मुक्त पंक्तियाँ लिखकर जल्द ही लौटूँ।
भावी हृदय से आपका स्वागत करते हैं ,एवं आपके लेखों का अतिउत्सुक्ता से इंतज़ार हैं।।।
जवाब देंहटाएंKeep it up....Dear
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