यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 19 जून 2019

इक गली थी मेरे भी वास्ते इस जहां में...

इक गली थी मेरे भी वास्ते इस जहां में
गली ऐसी की जहाँ मेरी गली ही नहीं
एक लड़की जो इसी जाये रहा करती थी,
बदचलन थी, यानी की वो मुझे मिली ही नहीं

©शुभम कहता है...


शनिवार, 23 मार्च 2019

रश्मि-राग

कान्हा गलियन में मेरी आने लगे
कान्हा रतियन में मुझको सताने लगे
देह तो पास है, प्राण जाने किधर
कान्हा बंशी की धुन जब सुनाने लगे

©शुभम कहता है...



बुधवार, 20 मार्च 2019

रश्मि-राग

जग की प्रेम निशानी हो तुम राधिके
कान्हा की ही दीवानी हो तुम राधिके
     जिनमें घुल के कन्हैया भी उज्जवल हुए
ऐसी यमुना का पानी हो तुम राधिके 

©शुभम कहता है...


मंगलवार, 19 मार्च 2019

रश्मि-राग

तेरे ख़्वाबों में मैं भी आया करूँ,
                        आधी रतियन में तुझको जगाया करूँ।
                        सोचती जो मैं हूँ, ख़्वाब ही होते सब
                        ख़्वाब ये भी तो है, जो मैं गाया करूंँ...
  
                        ©शुभम कहता है...
   

रश्मि-राग


बालिका एक सयानी हो तुम राधिके,
कान्हनगरी की रानी हो तुम राधिके।
                      जिसको सुनकर ही धरती ये पावन हुई,
                      प्रीति की वो कहानी हो तुम राधिके...

                      ©शुभम कहता है...

रश्मि-राग

मन में तुमको ही केवल बसाया करें,
                      तेरी बातों को गीतों में हम गाया करें।
                      मैं वो हूँ बांसुरी, जिसकी तुम श्वास (प्राण)हो
                      जिसकी धुन को कन्हैया सुनाया करें...

                     ©शुभम कहता है...


रश्मि-राग

 सभी हसरत हुई पूरी मगर एक काम करना है,
                मेरे गीतों की शोहरत को तुम्हारे नाम करना है।
                तुम्हें दिल्ली की आदत है हमें दिलकश नज़ारों की,
                सो जानेमन तुम्हारे नाम अवध की शाम करना है।

               ©शुभम कहता है...


राधे-राधे!

रश्मि-राग

जग की प्रेम निशानी हो तुम राधिके कान्हा की ही दीवानी हो तुम राधिके      जिनमें घुल के कन्हैया भी उज्जवल हुए ऐसी यमुना का पानी हो तुम...