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मंगलवार, 19 मार्च 2019

रश्मि-राग

 सभी हसरत हुई पूरी मगर एक काम करना है,
                मेरे गीतों की शोहरत को तुम्हारे नाम करना है।
                तुम्हें दिल्ली की आदत है हमें दिलकश नज़ारों की,
                सो जानेमन तुम्हारे नाम अवध की शाम करना है।

               ©शुभम कहता है...


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राधे-राधे!

रश्मि-राग

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